मैं अंधभक्त हूं इसलिए दरभंगा में एम्स है

अरुण कुमार चौधरी
मैं पिछले दिनों अपने गांव गया था !वहां पर मेरे पीड़ित परिजनों से भेंट हुआ, उसमें से तीन मोदी जी के अंधभक्त थे ! उन्होंने कुशल क्षेम पूछने के बाद बड़े गर्व से किसी ने अरुण चा दूसरे ने अरुण दा तीसरे ने अरुण भाई कह कर कहना शुरू कर दिया कि हमारे विश्व गुरु प्रधानमंत्री मोदी जी तथा दर्जनों विशेषण लगाकर प्रधानमंत्री मोदी जी बोला है कि दरभंगा में एम्स खुल गया है इसलिए अब हम लोग जल्दी ही दरभंगा एम्स में अपनी मां, अपने पिताजी और अपने पीड़ित कैंसर पत्नी को लेकर इलाज करने के लिए नया दरभंगा एम्स में इलाज करने के लिए में जा रहे हैं और यह बड़ी बात यह है कि मोदी जी पूरे मिथिलांचल को रोग मुक्त कर देंगे !
और यह तीनों हमारे परिजन प्रतिस्पर्धा से बोलना शुरू कर दिया और मोदी जी के बारे में तरह-तरह के गुणगान करते जा रहे थे !इन लोगों ने करीबन 20 मिनट तक हमें बोलने का मौका ही नहीं दिया, जब इन लोगों का गला सूखने लगा और बोलना बंद कर दिया तो हम सिर्फ यह कहा कि दरभंगा में एम्स कहां बना हुआ है ,तो इन लोगों कहा कि हम लोग अगले दिन ही दरभंगा एम्स जा रहें हैं! ओर अपने परिजनों को इलाज करा कर वहां का इलाज का पुर्जा आपको दिखाऊंगा और इन बातों को मैं कैसे उत्तर देता ! ओर यह मन के अंदर में भारी हल- चल हो रहा था और मन ही मन सोचा कि इन लोगों की बात करना ठीक नहीं है और मैं चुपचाप हो गया !इसके बाद इन लोगों ने मुझे दो- दिन के बाद फिर मेरे अपने परिवार के बीमारी के पुर्जे हमें दिखाया और इन लोगों ने कहा कि हम लोग दरभंगा में अपने परिजनों का इलाज कराया और देखिए यह दरभंगा का एम्स पुर्जा है! जिसमें दवाई तथा रोग का नाम लिखा हुआ है !
अंध भक्तों का जोश आसमान पर था और हमें अपने जानकारी पर शक होने लगा! क्योंकि मैं तो भारत सरकार और बिहार सरकार के साइट तथा गूगल को ढूंढ कर थक गया था कि कहीं तो दरभंगा एम्स का जगह मिल जाए क्योंकि हमें लगा कि देश का प्रधानमंत्री इतना बड़ा झूठ नहीं बोलेंगे कि दरभंगा एम्स में खुल गया जबकि अभी तक जमीन का ही सिलेक्शन नहीं हुआ है तो भवन , डॉक्टर तथा अस्पताल कैसे बनेगा !


संसद में दरभंगा AIIMS को लेकर दिए गए पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के बाद बिहार में सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। स्वास्थ्य मंत्री को जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने पूछा कि जब दरभंगा एम्स के लिए जमीन ही फाइनल नहीं हुई तो पीएम मोदी ने दरभंगा एम्स खुलने की बात कैसे कर दी। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया पर निशाना साधा है।
तेजस्वी यादव सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कौन से अदृश्य विकास की राजनीति है कि जहां स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स के लिए अभी तक स्थल फाइनल किया ही नहीं है और प्रधानमंत्री जी कह रहे हैं कि वहां एम्स खोल दिया गया है? जिस काल अवधि का आप वर्णन कर रहे है उस वक़्त से लेकर पूर्व के कई वर्षों तक बिहार में भाजपा के ही स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं। शायद आप उनकी असफलता को इंगित कर रहे हैं। बिहार सरकार ने शोभन बाईपास जैसी बेहतर लोकेशन पर निःशुल्क 151 एकड़ भूमि केंद्र को हस्तांतरित की है, जिसमें मिट्टी भराई का 300 करोड़ अतिरिक्त व्यय भी राज्य सरकार वहन कर रही है।
हम सकारात्मक एवं विकासोन्मुख राजनीति करते हैं इसलिए हमने दरभंगा सहित अन्य जिलों को इसका संपूर्ण लाभ मिले तभी सबसे उपयुक्त स्थल चयन किया है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से केंद्र की अभी तक स्वीकृति नहीं मिली। आपको अवगत कराना चाहेंगे कि दरभंगा में ही 1946 से स्थापित बिहार के प्रतिष्ठित दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बिहार सरकार (569+ 2546) कुल 3115 करोड़ के अपने खर्च से (400+2100) 2500 बेड का सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल, आधुनिक भवन एवं आवासीय परिसर का निर्माण करवा रही है क्योंकि हम नकारात्मक राजनीति नहीं बल्कि जनहित में गतिशील विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हैं।


दरअसल, इस बयान से पहले तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को लिखी गई एक पुरानी चिट्ठी शेयर की थी। इसमें तेजस्वी ने लिखा था कि आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में एम्स खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे। प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफ़ेद झूठ बोला। इस बयान पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया जवाब देते हुए कहा था कि प्रिय तेजस्वी जी, मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है। हमारी नीयत साफ है। एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी
दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा दरभंगा एम्स को लेकर दिए गए बयान के बाद जहां बिहार की पूरी सियासत का तापमान बढ़ा गया है. वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच ट्वीटर वार जारी है. इस सब पर अभी तक बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी लेकिन, अब इस मामले पर पहली बार सीएम नीतीश कुमार की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है.
सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम हर जगह मेडिकल कॉलेज का निर्माण करवा रहे हैं. पहले प्रदेश में 6 मेडिकल कॉलेज था अब 11 हो गई है. उन्होंने कहा कि पटना में एम्स बना और अगला दरभंगा में बने यही मेरी इच्छा है. ऐसे में हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं. इसमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
इसके साथ ही सीएम नीतीश ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि एम्स दरभंगा के लिए सरकार ने जो जमीन का चुनाव किया है. वही सबसे उपयुक्त है. ऐसे में एम्स का निर्माण वहीं पर करना होगा. अगर वहां केंद्र इसका निर्माण नहीं करती है तो फिर उनकी तो इच्छा सो करें. बता दें कि दरभंगा के शोभन बायपास के पास 151 एकड़ जमीन एम्स के निर्माण के लिए दी गई है. पहले एम्स की स्थापना दरभंगा मेडिकल कॉलेज के कैंपस वाली जमीन पर ही होना था लेकिन नीतीश सरकार ने इसको लेकर फैसला बदल दिया और जमीन शोभन बायपास के पास अलॉट कर दी गई.
इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इस जमीन की जांच कर रिपोर्ट दी की यह लो लैंड है और यहां निर्माण के लिए मिट्टी बेकार है. इसको लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि हम जमीन को ऊंचा करके देंगे. साथ ही दोनों तरफ सड़क का निर्माण भी कराया जाएगा. इसके साथ ही अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि DMCH का और विस्तार किया जाएगा. इसको पीएमसीएच की तरह बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाएगा.
फिर जब मैं अपने परिजनों यानी मोदी जी के अंध भक्तों का रोगी का पुर्जा देखा तो पाया कि यह तो दरभंगा के लब्ध प्रतिष्ठित डीएमसीएच अस्पताल का पुर्जा है, तो फिर मैं उनसे कहा कि यह तो दरभंगा डीएमसीएच का पुर्जा है तब इन लोगों ने हमसे कहा कि वहां पर कई भाजपा के सहयोगी ने कहा कि अभी मोदी जी करोड़ों रुपए का राशि देकर इसी अस्पताल में दरभंगा एम्स का लोगों का इलाज करवा रहे हैं तब फिर हम अपना माथा पकड़ कर चुप हो गए और अपने परिजन अंध भक्तों की बात सुनते रहा और अंत हम निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि मैं अंधभक्त हूं इसलिए दरभंगा में एम्स है

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